Fuel Supply System in Petrol Engines

पैट्रोल इंजन में फ्यूल सप्लाई सिस्टम (Fuel Supply System in Petrol Engines)

 

 परिचय (Introduction) 

पेट्रोल इंजन के फ्यूल सप्लाई सिस्टम में विभिन्न पार्ट्स शामिल होते हैं जो दहन के लिए कार के फ्युल टैंक से उसके इंजन के दहन कक्ष में फ्युल की एक निर्धारित मात्रा को स्थानांतरित करने का  काम करते हैं। इन घटकों में ईंधन टैंक, ईंधन पंप, कार्बोरेटर, ईंधन इंजेक्टर, ईंधन फिल्टर और ईंधन लाइनें शामिल हैं।

ईंधन को इंजन तक दो प्रकार से पहुँचाया जा सकता है, जैसाकि – 

(1) ग्रेविटी फीड सिस्टम (Gravity Feed System)                             (2) फोर्स फीड सिस्टम (Force Feed System)

 

ग्रेविटी फीड सिस्टम (Gravity Feed System)

इस सिस्टम में फ्यूल टैंक कार्बुरेटर के लेवल से ऊँचा लगाया जाता है। टैंक के ऊँचा लगाने से पैट्रोल फ्यूल अपने आप पाइप द्वारा कार्बुरेटर में आता रहता है। ऐसा सिस्टम मोटरगाड़ियों में प्रयोग में नहीं लाया जाता। लेकिन स्टेशनरी पैट्रोल इंजनों, मोटर साइकल और स्कूटर के इंजनों में यह प्रयोग किया जाता है, क्योंकि यह सादा और सस्ता रहता है।

 

फोर्स फीड सिस्टम (Force Feed System)

इस सिस्टम में फ्यूल टैंक कार्बुरेटर के लेवल के नीचे लगा रहता है। पैट्रोल एक पम्प द्वारा टैंक से नीचे खींचकर कार्बुरेटर को सप्लाई किया जाता है।

 

 फ्यूल सिस्टम के मुख्य भाग (Main Parts of Fuel System)

    1. फ्यूल टैंक                2. फ्यूल पम्प                     3. फ्यूल फिल्टर।

फ्यूल टैंक (Fuel Tank)-

यह लोहे की चादर का बना एक टैंक होता है जिसे मोटरगाड़ियों के चेसिस फ्रेम के साथ नट-बोल्टों द्वारा फिक्स किया जाता है। यहाँ से पैट्रोल पाइप का कनैक्शन लिया जाता है वहाँ कई बार पीतल की गिलासीनुमा जाली टैंक के अंदर फिट की जाती है जिससे पैट्रोल छनकर पाइप द्वारा पम्प को जाता है। टैंक के निचले भाग में एक छोटा-सा गड्ढा बना रहता है जिसके अंदर एक प्लग फिक्स किया जाता है ताकि आवश्यकता पड़ने पर टैंक का पैट्रोल इस प्लग द्वारा बाहर निकाला जा सके और ठंडे मौसम में टैंक के अंदर की हवा कन्डेंस होकर पानी बन जाती है। भारी होने के कारण पानी इस गड्ढे में आकर रूक जाता है। समय-समय पर प्लग को खोलकर पानी को निकाल देना चाहिए। 

टैंक के अंदर एक या दो कम्पार्टमेंट बने रहते हैं जो एक-दूसरे के साथ छेदों द्वारा मिले रहते हैं। यह इसलिए लगाये जाते हैं कि गाड़ी के चलते समय पैट्रोल टैंक में इधर-उधर टकराते नहीं ।

 

टैंक के ऊपर वाले भाग में एक मुँह- सा बना रहता है जिससे पैट्रोल टैंक में भरा जाता है। टैंक में से जब पैट्रोल इंजन में जाता है तो खाली स्थान में हवा का आना बहुत आवश्यक है इसलिए एक वैंट पाइप भी लगी रहती है जिससे हवा टैंक के अंदर प्रवेश कर पाती है। कई गाड़ियों में टैंक कैप के अंदर ही इसका प्रोविजन किया जाता है।

फ्यूल पम्प (Fuel Pump)

फ्यूल पम्प टैंक में से पैट्रोल खींचकर कार्बोरेटर को पहुँचाता है। यह पम्प हर एक वर्किंग टेम्परेचर पर काफी मात्रा में पैट्रोल सप्लाई कर पाते हैं और पैट्रोल लाईन में पैट्रोल काफी प्रैशर बनाये रहते हैं ताकि पैट्रोल के गर्म होकर उड़ जाने के कारण पाइप में वेपर लॉक न हो जिसे मैकेनिकल एयर-लॉक भी कहते हैं। साधारणतः दो प्रकार के पम्प प्रयोग में लायें जाते हैं-

फ्यूल पम्प (Fuel Pump)
  1. मैकेनिकल फ्यूल पम्प (Mechanical Fuel Pump)
  1. इलैक्ट्रिकल फ्यूल पम्प (Electrical Fuel Pump)

. फ्यूल फिल्टर (Fuel Filter)

कई मैकेनिकल प्यूल पम्पों के अंदर फिल्टर फिट किये जाते हैं और फिल्टर एक ग्लास बाउल के साथ ढके रहते हैं। इनको समय-समय पर खोलकर बाफ कर लेना चाहिए। ग्लास बाउल प्रयोग किया जाता है कि यदि इसमें कोई मिट्टी या कचरा आ जाए तो देखने से नजर आ जायेगा। कई इंजनों में अलग फ्यूल फिल्टर भी लगे रहते हैं। उनके ऊपरी भाग में ग्लास का बाउल लगा होता है, उनको भी साफ रखना बहुत जरूरी है।

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