The main components of IC engine?

 The main components of IC engine? 

The main components of IC engine: एक आंतरिक दहन इंजन एक वाहन में “पावर” का मुख्य  स्रोत होता है। आंतरिक दहन इंजनों को उनके Operation, सिलेंडरों की संख्या और उपयोग किए गए ईंधन के आधार पर मुख्य तौर पर वर्गीकृत किया जा सकता है।इंजन इंजन  Operation के आधार पर, दो-स्ट्रोक या चार-स्ट्रोक हो सकता है। दो-स्ट्रोक इंजन में, पिस्टन के कार्य चक्र क्रैंकशाफ्ट की एक चक्र (360°) में पूरा होता है। चार-स्ट्रोक इंजन में, कार्य चक्र क्रैंकशाफ्ट के दो घुमावों (720°) में पूरा होता है। कारों में फोर-स्ट्रोक इंजन का उपयोग किया जाता है। जहाँ तक सिलेंडरों की संख्या के आधार पर वर्गीकरण की बात है, इंजन सिंगल-सिलेंडर या मल्टी-सिलेंडर हो सकते हैं।

एक आईसी (I C ) इंजन मे लगने वाले  मुख्य घटक पिस्टन, सिलेंडर, इनलेट वाल्व, आउटलेट वाल्व, स्पार्क प्लग/ईंधन इंजेक्टर, क्रैंक, केम शाफ्ट और क्रैंकशाफ्ट  आदि हैं

Components of I.C. engine

 सिलेंडर (Cylinder): 

आई.सी(IC). इंजन के सिलेंडर को इंजन के मुख्य बॉडी के रूप में माना जाता है, जिसमें पिस्टन ऊपर नीचे या आगे पीछे  गति करता है और पावर पेदा करता है। यह बहुत उच्च दबाव (लगभग 70 बार) और तापमान (लगभग 22000 सेल्सियस डिग्री) को सहन करता  है क्योंकि सिलेंडर के अंदर सीधी पावर बनती  है। इसलिए, उसका सामग्री/धातु  ऐसा होना चाहिए जो उच्च तापमान पर मजबूती को बनाए रख सके, गर्मी का अच्छा चालक हो सके और पिस्टन की गति के कारण त्वरित घिसाव  का सामना कर सके। आमतौर पर, इसे बनाने मे  सामान्य कास्ट आयरन का उपयोग किया जाता है, लेकिन भारी ड्यूटी इंजन में, अलॉय स्टील या एल्युमिनियम अलॉय का उपयोग किया जाता है।

Cylinder
Cylinder

 सिलेंडर हेड (Cylinder Head):

सिलेंडर हेड सिलेंडर के एक छोर को बंद करता है। इसमे इनलेट और एक्जॉस्ट वाल्व को लगाया जाता  है। चार्ज (एसआई इंजन के लिए ईंधन और हवा का मिश्रण और सीआई इंजन के लिए केवल हवा) इनलेट वाल्व्स के माध्यम से प्रवेश करता है और शक्ति उत्पन्न करने के बाद एक्जॉस्ट गैसेज वायुमंडल के माध्यम से बाहर निकलती हैं।सिलेंडर हेड आमतौर पर एक पीस के रूप में कास्ट किया जाता है और सिलेंडर के ऊपर  बोल्ट से बंद किया जाता है। सिलेंडर और सिलेंडर हेड के बीच गैस-टाइट  संयोजन प्राप्त करने के लिए कॉपर और एस्बेस्टस गेसकीट प्रदान की जाती हैं। सिलेंडर हेड के लिए उपयोग किया जाने वाला सामग्री भी कास्ट आयरन या एल्युमिनियम अलॉय होती है।

Cylinder Head
Cylinder Head

 पिस्टन और पिस्टन रिंग्स.(Piston & Piston Ring ):

पिस्टन इंजन का हृदय होता है। पिस्टन का कार्य कंप्रेशन स्ट्रोक के दौरान चार्ज को कम्प्रेश करना और पावर स्ट्रोक के दौरान गैस बल/पावर  से  कनेक्टिंग रॉड को और फिर क्रैंक को चलाना / गति  देना  होता  हैं । आई.सी. इंजन के पिस्टन आमतौर पर कास्ट आयरन, कास्ट स्टील और एल्युमिनियम अलॉय से बने होते हैं। एल्युमिनियम अलॉय मे उच्च थर्मल चालकता  होती है।

Piston & Piston Ring
Piston & Piston Ring

  split ring / पिस्टन रिंग्स, पिस्टन के बाहरी सतह पर बने  खाँचो /ग्रूवों में लगाए जाते  हैं। पिस्टन और सिलेंडर के बीच गैस-रिसाव  समस्या होती है तब रिंग्स  उच्च दबाव वाली गैस की रिसाव को रोकते हैं। ये विशेष ग्रेड कास्ट आयरन से बने होते हैं। यह सामग्री अपनी इलास्टिक गुणधर्म को बहुत उच्च तापमान पर बनाए रखती है। ऊपरी पिस्टन रिंग्स को कंप्रेशन रिंग्स कहा जाता है और निचली पिस्टन रिंग्स को ऑयलिंग या ऑयल कंट्रोल रिंग्स कहा जाता है।

कनेक्टिंग रॉड (Connecting rod):

  यह आमतौर पर एक स्टील फोर्जिंग होती है जो गोलाकार, आयताकार, आई (I), टी ( T ) या एच (H ) सेक्शन की बनी  होती है और इसे अच्छा बनाने के लिए  अत्यधिक फिनिश किया जाता है। इसका छोटा छोर पिस्टन के साथ एक गजन पिन के द्वारा जोड़ा जाता  है और इसका बड़ा छोर क्रैंक पिन द्वारा क्रैंक से जुड़ता है। इसमें बड़े छोर बियरिंग से छोटे छोर बियरिंग (गजन पिन) तक स्नेहन तेल(लुब्रिकटिंग ऑइल ) के स्थानांतरण के लिए एक रास्ता होता है।

Connecting rod
Connecting rod

क्रैंक और क्रैंकशाफ्ट (Crank and Crankshaft):

क्रैंक शाफ्ट का कार्य पिस्टन के रेसीप्रोकटिंग गति को रोटरी गति में बदलना है। क्रैंक और क्रैंकशाफ्ट दोनों स्टील फोर्ज होते हैं और स्मूद फिनिश के लिए मशीनिंग किए जाते हैं। इन दोनों को एक कुंजी/ key के माध्यम से साथ में रखा जाता है। क्रैंकशाफ्ट मुख्य बियरिंग/main bearings पर रखा  होता है ताकि यह फ्री घूम सके और इसके एक सिरे पर  टॉर्क ट्रान्सफर  के लिए एक भारी पहिया होता है, जिसे फ्लाईव्हील कहा जाता है। किसी भी उपयोगी उद्देश्य के लिए आवश्यक शक्ति केवल क्रैंकशाफ्ट से ली जाती है। क्रैंकशाफ्ट इंजन की रीढ़ होती है।

Crank and Crankshaft
Crank and Crankshaft

फ्लाईव्हील (Flywheel ):

यह क्रैंकशाफ्ट पर मॉउंट हुआ एक पहिया होता है जो पावर स्ट्रोक के दोरान ऊर्जा को स्टोर करता है  व अन्य तीन स्ट्रोक को पूरा करने का कार्य करता  है। और जब क्लच इंगेज होता है तो ऊर्जा को प्रसारित करके ट्रांसमिशन के माध्यम से पहियों को चलाता है।

पिस्टन पिन (Piston Pin):

पिस्टन पिन, कनेक्टिंग रॉड के छोटे छोर और पिस्टन को जोड़ने  के लिए इस्तेमाल करते है। यह कनेक्टिंग रॉड के छोटे छोर के लिए  बियरिंग का कार्य करता है। इसे रिस्ट पिन / Wrist pin या गजन पिन भी कहाँ जाता  है। 

वाल्व  और वाल्व स्प्रिंग( Valve and valve spring ) : 

इनलेट वाल्व Inlet Valve:

यह वाल्व पेट्रोल इंजन में चार्ज के प्रवेश को और डीजल इंजन में हवा को इंजन के सक्शन स्ट्रोक के दौरान नियंत्रित करता है।

Valve and valve spring
Valve and valve spring

एक्सोस्ट वाल्व Exhaust Valve:

पिस्टन पर कार्य करने के बाद जली हुयी गैस / निकाले गए एक्सोस्ट गैसेज को नियंत्रित करने के लिए इस वाल्व का उपयोग होता है।

वाल्व स्प्रिंग: वाल्व स्प्रिंग द्वारा वाल्वों को बंद रखा जाता है।

Inlet Manifold & Exhaust Manifold

इनलेट मैनिफोल्ड ( Inlet Manifold):

यह  इनलेट मैनिफोल्ड एक पेसेज होता है जो कार्ब्युरेटर से पेट्रोल + हवा को इंजन तक या डीजल इंजन में केवल हवा को ले जाता है। इसमे अनेक पार्ट्स लगे होते है।

Inlet Manifold
Inlet Manifold

एग्ज़ॉस्ट मैनिफोल्ड (Exhaust Manifold):

यह एग्ज़ॉस्ट मैनिफोल्ड एक पेसेज/गॅलरी  होता है जो एग्ज़ॉस्ट वाल्व से निकले गए एग्ज़ॉस्ट गैसेज को वायुमंडल तक ले जाता है।

Exhaust Manifold
Exhaust Manifold

कैमशाफ्ट( Camshaft):

Camshaft
Camshaft

कैमशाफ्ट का कार्य  है कि वो कैम, कैम फॉलोअर्स, पुश रॉड और रॉकर आर्म के माध्यम से इंटेक और एग्ज़ॉस्ट वाल्व्स को संचालित करें। कैमशाफ्ट को क्रैंकशाफ्ट से आधी रफ्तार पर चलाया जाता है।

पुश रॉड और रॉकर आर्म (Push Rod and Rocker Arm):

Pushrod
Pushrod

कैम की गति के द्वारा पुश रॉड और रॉकर आर्म के माध्यम से वाल्व को खोला और बन्द किया जाता  है। ये लिंक्स मिलकर वाल्व गियर के रूप में भी जाने जाते हैं।

क्रैंक केस (Crank case):

यह इंजन का  आधार/base  होता है जो सिलेंडर और क्रैंकशाफ्ट को सुपोर्ट करता है। यह लब्रिकेटिंग तेल को भी स्टोर करने की भूमिका निभाता है।

Crank case
Crank case

वॉटर पंप और वॉटर जैकेट (Water pump and Water Jacket):

वॉटर पंप का कार्य कूलंट को रेडिएटर से निकालना और निश्चित दबाव पर वॉटर जैकेट में सप्लाई करना होता है  वॉटर पंप , वॉटर जैकेट और रेडिएटर के बीच लगाया जाता हैं। जैकेट्स क्रैंककेस (सिलेंडर ब्लॉक) में प्रदान किए जाते हैं जो इंजन की अतिरिक्त गर्मी को दूर करने के लिए कूलेंट के सर्कुलेसन के लिए होते हैं।

रेडिएटर( Radiator):

Radiator
Radiator

इसमें कूलेंट को ठंडा करने के लिए शीर्ष और नीचे दो टैंक होते हैं। यह इंजन को ठंडा करने के लिए कूलेंट का संग्रहण करता है। इसमें एक प्रेसर केप  होती है जो कूलेंट के बोइलिंग  बिंदु को बढ़ाने के लिए होती है। यह इंजन के आगे वाले हिस्से मे लगा होता है।

कार्ब्युरेटर (Carburetor):

Carburetor
Carburetor

कार्ब्युरेटर का कार्य पेट्रोल इंजन के सिलेंडर के माध्यम से यूनिफॉर्म हवा-पेट्रोल मिश्रण प्रदान करना होता है । सिलेंडर में प्रवेश करने वाले मिश्रण की मात्रा को एक विशेष वाल्व जिसे थ्रॉटल वाल्व कहा जाता है द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

स्पार्क प्लग( Spark Plug):

Spark Plug
Spark Plug

स्पार्क प्लग का कार्य पेट्रोल इंजन में संपीड़न/कंप्रेशन  पूर्ण होने के बाद मिश्रण को आग लगाना होता है। यह आमतौर पर सिलेंडर हेड में माउंट किया जाता है। यह केवल पेट्रोल इंजन में प्रयोग होता है।

ईंधन इंजेक्शन पंप ( Fuel Injection Pump):

Fuel Injection Pump
Fuel Injection Pump

यह डीजल इंजन में संपीड़न /कंप्रेशन स्ट्रोक के अंत में ईंधन तेल को  उचित  दबाव और सही मात्रा में फ्यूल नोजल/ इंजेक्टर तक पहुंचाता है।

 

ईंधन इंजेक्टर (Fuel Injector):

ईंधन इंजेक्टर का कार्य ,ईंधन के  इंजन सिलेंडर में उचित प्रवेश करने पर तेल को ठीक स्प्रे (एटमाइज्ड अवस्था) छोटे-छोटे कणो  में तोड़ना होता है।

INJECTOR
INJECTOR

साहित्य एवं अभिलेख

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