कुचालक क्या हैं, एक अच्छे कुचालक में क्या गुण होने चाहिए?
What are insulators, what properties should a good insulator have?
कुचालक (Insulators) -कुचालक, वे पदार्थ हैं जिनमें से इलैक्ट्रानों के प्रवाह को आसानी से स्थापित नहीं किया जा सकता अर्थात् इनमें से करंट साधारण अवस्था में नहीं गुज़रता। इनका प्रतिरोध बहुत अधिक तथा सुचालकता न के बराबर होती है। इनकी रोधकता 1012 ओह्म सें.मी. से भी अधिक होती है।
इलैक्ट्रानिक थ्यूरी के अनुसार वे पदार्थ जिनके परमाणुओं के बाहरी पथों में स्वतन्त्र इलैक्ट्रान नहीं होते, वे बिजली के अच्छे कुचालक होते हैं। इनके परमाणुओं के अन्तिम चक्र में हमेशा चार से अधिक इलैक्ट्रान होते हैं। कुचालकों के बाहरी पथों (Shells) के इलैक्ट्रानों का नाभि से बन्धन बहुत शक्तिशाली होता है। कुचालकों को रोधक भी कहा जाता है। रोधक पदार्थ ही बिजली की उत्पादन, बंटवारे तथा प्रयोग करते समय आवश्यक सुरक्षा प्रदान करते हैं।
एक अच्छे रोधक या कुचालक के गुण (Qualities of a good insulator)-एक उत्तम रोधक वह होगा जिसमें निम्नलिखित गुण अधिक से अधिक हों-
- रोधकता (Resistivity)-एक अच्छे कुचालक की रोधकता 1012 ओह्म सें.मी. से अधिक होनी चाहिए।
- नमी (Humidity)-नमी पदार्थों की सुचालकता बढ़ाती है इसलिए रोधक पदार्थ पर नमी या पानी का असर न के बराबर होना चाहिए।
- परमिटीविटी (Permitivity) – यह किसी कंडेंसर के कपैसिटैंसों का अनुपात है जब इसकी प्लेटों को किसी रोधक पदार्थ तथा हवा से कुचालक किया गया हो।
परमिटिविटी जितनी अधिक होगी, उतना ही पदार्थ अच्छी कुचालक शक्ति वाला होगा।
- डाई-इलैक्ट्रिक स्ट्रेंथ (Dielectric Strength)-किसी रोधक पदार्थ की एक मिलीमीटर मोटी तह जितनी वोल्टेज तथा टूटन या लीक (Break down) हो जाती है, उस वोल्टेज़ को पदार्थ की डाइ-इलैक्ट्रिक स्ट्रेंथ कहते हैं। इसे किलोवोल्ट प्रति मिलिमीटर इकाई में मापा जाता है। अच्छे कुचालक की डाई-इलैक्ट्रिक स्ट्रेंथ अधिक होनी चाहिए।
- यांत्रिक शक्ति (Mechanical Strength)– बढ़िया रोधक की यांत्रिक शक्ति अधिक होनी चाहिए ताकि गरमी, सर्दी तथा मौसम का प्रभाव कम हो। काम करते समय कुचालक खराब होने का डर न रहे।
- तापमान (Temperature)-तापमान इंसुलेटरों की रोधकता कम करता है। रोधक अधिक तापमान पर कमजोर पड़ जाते हैं। इनकी ताप सहने की शक्ति अधिक होनी चाहिए।
उपरोक्त गुणों के साथ-साथ रोधकों का सस्ता होना, आसानी से बाज़ार में उपलब्ध होना, जलनशील न (Non inflamable) होना तथा तेजाबों या क्षारों का कम असर होना बहुत आवश्यक है। इन गुणों को ध्यान में रखकर एक उत्पादक (Designer) आवश्यकता के अनुसार कुचालकों का चुनाव कर सकता है।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के इंसुलेटर:-
भिन्न-भिन्न प्रकार के कुचालक (VARIOUS TYPES OF INSULATORS)
- अभ्रक (Mica)- अभ्रक बिजली के कार्यों में आमतौर पर प्रयोग किया जाने वाला बढ़िया रोधक (Insulator) है। इसकी रोधकता तथा डाई- इलैक्ट्रिक स्ट्रेंथ बहुत अधिक होती है। इस पर आग तथा नमी का प्रभाव बहुत कम पड़ता है। एक अच्छे कुचालक के सारे गुण इसमें हैं। इसलिए यह बिजली के क्षेत्र में काफी मात्रा में प्रयोग किए जाने वाला पदार्थ है। यह खानों (Mines) में से बड़ी-बड़ी ठोस शीटों के रूप में मिलता है। इन मोटी शीटों से पतली परत की शीटें प्राप्त की जाती हैं। आवश्यकतानुसार इनका प्रयोग इलैक्ट्रिक प्रेसों, कमुटेटरों के सिगमँटों, मोटर की झरियों व कंडेसरों आदि में किया जाता है। इसके पिघलने का अंक काफी ऊँचा है। लगभग 600°C पर अभ्रक नरम पड़ना शुरू हो जाता है। इससे अधिक तापमान पर इसे शैल्क या बिरोजा मिला कर प्रयोग किया जाता है। तब इसे माइकानाइट (Micanite) का नाम दिया जाता है। शुद्ध किए गए कागज (Impregnated Paper) के साथ माइकानाइट लगा कर बी-क्लास कुचालक मशीनों की वाइंडिंग के लिए तैयार किया जाता है।
- एसबेस्टास (Asbestos) – यह एक रेशेदार खनिज पदार्थ है। इसका रंग सफेद, भूरा तथा मटमैला होता है। इस पर तेजाब या क्षार का प्रभाव नहीं पड़ता। इसका प्रयोग ताप तथा बिजली की रोधक शीटें बनाने के लिए किया जाता है। ये शीटें इलैक्ट्रानिक प्रैस, ओवन, बिजली की केतली तथा सर्किट ब्रेकर के आर्क चैम्बर में प्रयोग की जाती हैं।
- रबड़ (Rubber)– शुद्ध रबड़ बहुत नरम होती है। इसे कठोर बनाने के लिए इसमें 5% गन्धक तथा कुछ मात्रा में अन्य खजिन पदार्थ जैसे- जिंक आक्साइड तथा लाल सीसा (Lead) आदि मिलाए जाते हैं। इस प्रकार तैयार की गई रबड़ को वैल्केनाइज्ड इंसुलेशन रबड़ (V.I.R.) कहते हैं। इस पर नमी का प्रभाव बहुत कम होता है। इसका प्रयोग तारों पर कुचालक चढ़ाने, रबड़ दस्ताने तथा बैटरी के कंटेनर बनाने में किया जाता है।
- पी. वी. सी. (P.V.C.)- इसका पूरा नाम पोलीविनायल क्लोराइड (Polyvinyl Chloride) है। यह एक सिंथेटिक रासायनिक पदार्थ है। इस पर नमी, तेजाब, क्षारों तथा मौसम का प्रभाव बहुत कम होता है। इसे किसी भी शक्ल में ढाला जा सकता है। आजकल केबल के लिए सबसे उत्तम कुचालक यही है। आजकल यह रबड़ के स्थान पर भरपूर प्रयोग हो रहा है।
- एबोनाइट तथा बैलकेनाइट (Ebonite and Vulcanite)- यह काले रंग की लकड़ी जैसा पदार्थ हैं। इसे 30 से 50% गन्धक रबड मेंमिलाकर 150°C के ताप पर काफी समय रखने के पश्चात् तैयार किया जाता है। इसे कई प्रकार के रूपों में ढाला जा सकता है। इसका प्रयोग बैटरियों के बर्तन (Container) बनाने, टर्मीनल तथा यंत्र के फ्रेम बनाने के लिए भी किया जाता है।
- बैकेलाइट (Bakelite)– यह एक विशेष प्रकार का प्लास्टिक पदार्थ है। यह काले तथा भूरे रंग के पाऊडर के रूप में मिलता है। इसे ढाल कर या सांचे में डाल कर ताप के दबाव में आवश्यक रूप दिया जाता है। इस प्रकार यह एक कठोर पदार्थ का रूप धारण कर लेता है। यह एक बढ़िया इंसुलेटिंग पदार्थ है। इसका प्रयोग स्विच, लैंप होल्डर, टर्मीनल बोर्ड, साकिटों के कवर, शू एवं अनेक प्रकार की इलैक्ट्रिक फिटिंग बनाने में किया जाता है।
- पोरसिलेन (Porcelain) – यह चीनी मिट्टी से बना पदार्थ है। इसका प्रयोग बिजली के खम्बो से तारों को कुचालक बनाने में किया जाता है। इससे किट-कैट (Kit-Kat) फ्यूज के भाग, साकिट तथा स्विचों के आधार आदि भी बनाए जाते हैं।
- बिचुमन (Bitumen) – यह तारकोल जैसा पदार्थ है। यह कोयले तथा पेट्रोलियम पदार्थों से प्राप्त किया जाता है। यह रबड़ की अपेक्षा सस्ता होता है। यह गर्म होने पर नरम हो जाता है। बैल्केनाइज़्ड बिचुमन में कुछ अधिक कठोरता होती है। इस पर नमी, गैसों तथा पानी का प्रभाव नहीं पड़ता। इसे चूहे भी नहीं काट सकते। इसका प्रयोग वार्निश बनाने तथा भूमिगत केबलों का जोड़ करने में किया जाता है।
- काँच (Glass)- यह एक उत्तम पारदर्शी कुचालक है। इस पर नमी, तेल, ग्रीस, तेज़ाब तथा क्षार आदि का कोई प्रभाव नहीं होता। परन्तु यह एक टूटने वाला (Brittle) पदार्थ है अर्थात् इसकी यांत्रिक शक्ति कम है। इसके पिघलने का अंक काफी ऊँचा है। इसलिए बिजली के बल्ब, टयूब, मर्करी आर्क रैक्टीफायरज्ज़ तथा ओवर हैड लाइनों के कुचालक बनाने में इसका प्रयोग होता है। वाइंडिंग के जोड़ ढकने के लिए कांच की सलीबें (Glass slabs) बनायी जाती हैं।
- फाइबर (Fiber)– यह एक विशेष रूप में बनाया गया रेशेदार परतों वाला पदार्थ है। इस पर आग का प्रभाव बहुत कम होता है। बाज़ार में यह अलग-अलग मोटाई की शीटों के रूप में मिलता है। इसे आरी से काटा जा सकता है तथा ड्रिल मशीन से इसमें छेद किए जा सकते हैं। इसका प्रयोग मोटरों आदि की टर्मीनल प्लेटों, बिजली फिटिंग की शीटों तथा पैनल बोर्ड बनाने में किया जाता है।
- शैल्क (Shellac)- यह एक विशेष प्रकार की लाख है जो जंगलों में विशेष प्रकार के कीड़ों द्वारा तैयार की जाती है। इसका प्रयोग इंसुलेटिंग वार्निश बनाने में किया जाता है। इसे माइकानाइट बनाते समय सीमेंट के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
- कागज़ (Paper)-सूखा कागज़ एक बढ़िया रोधक है। यदि इसे तेल या मोम से गीला कर लिया जाए तो इसकी रोधकता और भी बढ़ जाती है। इसकी लचक बहुत अधिक होती है। यह अपेक्षाकृत सस्ता है, इसलिए इसका प्रयोग तेल से भरी पावर केबलों तथा कंडेंसर बनाने में किया जाता है।
- लकड़ी (Wood)-सूखी लकड़ी एक बढ़िया कुचालक है। चाहे यह नमी तथा आग जल्दी पकड़ती है पर फिर भी इसे तेल या वार्निश से भिगो कर कम वोल्टेज पर अच्छा काम लिया जाता है। वाइंडिंग के बोर्ड, राऊंड ब्लाक, पैनल बोर्ड, ओवर हैड लाइनों के खम्बे तथा लैड एसिड बैटरियों के सैपरेटर लकड़ी के ही बनाए जाते हैं।
- खनिज तेल (Mineral Oil)-खनिज तेल यदि नमी से बिना हो तो एक अच्छा कुचालक तथा आग सोखने वाला पदार्थ है। इसे ट्रांसफार्मर आयल भी कहते हैं। यह गर्मी का चालक होने से ट्रांसफार्मरों, स्टार्टरों आदि की गर्मी को सोख कर वाइंडिंग को ठण्डा रखता है। आयल सर्किट ब्रेकर, आयल फिल्ड केबलों तथा केबल बाक्सों में इसका प्रयोग सामान्य है।
- लैदराइड (Leatheroid) – यह एक मोटे कागज़ जैसा पदार्थ है जिसे बेकार रुई से रासायनिक क्रिया द्वारा तैयार किया जाता है। इस पर तेल या ग्रीस का प्रभाव नहीं होता। इसका प्रयोग झरियों (Slots) में क्वाइलों को कुचालक बनाने में किया जाता है। ट्रांसफार्मर बनाने के लिए भी इसका इंसुलेशन प्रयोग किया जाता है।
- एम्पायर क्लाथ (Empire Cloth)– यह सूती कपड़े या रेशमी कपड़े को वार्निश में डुबो कर तैयार किया जाता है। इस पर तेल या ग्रीस या नमी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता । इलैक्ट्रिक मशीनों की झरियों में लैदराइड या माइकानाइट शीट के साथ नीचे रखा जाता है। ट्रांसफार्मर बनाने के लिए कुचालक का कार्य भी इससे लिया जाता है। एम्पायर टेप जोड़ों को ढकने के काम भी आती है।
- रुई तथा रेशम (Cotton and Silk)-सूखी रुई (Cotton) तथा रेशम (Silk) अच्छे रोधक पदार्थ हैं। इनका प्रयोग कम वोल्टेज़ वाले रोधकों को इंसुलेट करने, वाइंडिंग के क्वाइलों को बांधने के लिए किया जाता है।
- पोलिस्टर सफेद फिल्म या वाइटशीट (Polyster Milky Sheet or White Sheet)– इसे मिलीनैक्स फिल्म (Millinex film) भी कहते हैं। यह एक विशेष प्रकार का सिंथेटिक पदार्थ है। यह बाज़ार से 5,7 तथा 10 mils आकार में उपलब्ध है तथा तोल कर किलोग्रामों में मिलता है। यह विद्युतीय मशीनों की झरियों (Slots) को कुचालक बनाने के काम में प्रयोग होता है। इस पर नमी का कोई प्रभाव नहीं होता।
- इंसुलेटिंग वार्निश (Insulating Varnish)-यह एक रासायनिक तरीके से तैयार किया गया तरल पदार्थ है। इसमें बिरोज़ा, बिचुमन, शैल्क तथा उड़नशील तेल मिलाया होता है। इसका प्रयोग इलैक्ट्रिक मशीनों की वाइंडिंग को इंसुलेट करने व जकड़ कर रखने के लिए की जाती है।
Semi-conductor अर्द्ध-चालक किसे कहते हैं?